सपनो की दस्तक

पुरानी डायरियों में मानो
हमारा गुजरा हुआ वक़्त
ठहरा हुआ हो
अब तक के जीवन का
यात्रावृतांत मानो जीवंत हो
वहीँ कहीं उन पृष्ठों के बीच
हमारे सपने
कुछ पूरे ,कुछ अधूरे
ठहरे हुए हैं
यह हमारे अतीत का दर्पण है
तो कभी वर्तमान का मार्गदर्शन
इन्हीं किसी पन्नो में तुम्हारा
भी जिक्र है , जिक्र है
उस साँवली लड़की का
जिसपर कभी दिल आया था
उस दिन को वापस जीने
का मन करता है
वो अनजान सी पर रंगीन
होली का जिक्र है
तुम्हारे साथ बीते पलो
या ख्यालो का हर
छोटे-मोटे  लम्हे , भी इन्ही पन्नों
में ठहरे हुए हैं
स्वप्नलोक के मिलन के किस्से
कैद हैं
आज उन सपनो को जीने का
वक़्त आया है
वक़्त बेवक़्त वो दिन याद आता है
प्रेम का कोई सिलेबस तो तयशुदा
होता नहीं
पर प्रेम की परिभाषा लिखने
का जी करता है
उन सपनो के हर पल को जीने
का मन करता है
प्रेम के किस्सों से इन पन्नो को
भरने का मन करता है




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