मैं तुम्हे नहीं , तुम्हारा हो जाना चाहता हूँ

मैं किनारा नहीं
तुम्हारे किनारे पाने का जरिया बनना चाहता हूँ
सहारा बनना चाहता हूँ
तुम्हारे पास से गुजरने वाला साहिल
बनना चाहता हूँ
बारिश की बूंदे बनना चाहता हूँ
आग नहीं , आग हो तो
बुझाने का तरीका बनना चाहता हूँ
मुझे उंचाईओं की चाह नहीं
तुम्हारी उंचाईओं का सहारा बनना चाहता हूँ
मैं तुम्हे नहीं ,तुम्हारा हो जाना चाहता हूँ
मैं सपने नहीं , सपने जीने का जरिया बनना चाहता हूँ
मैं मकसद नहीं , उन्हें हांसिल करने का जरिया बनना चाहता हूँ
मैं पाना नहीं , खोना चाहता हूँ
मुझे ठहरने की चाह  नहीं
चलते रहना चाहता हूँ
मैं तुम्हे नहीं , तुम्हारा हो जाना चाहता हूँ।


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