तुम हो तो मैं हूँ।

तुम्हारे होने का एहसास मात्र
जीवित होने जैसा है।
तुम जीवन के कई पलो में से एक नहीं
बल्कि संपूर्ण जीवन ही हो।
तुम्हारे होने मात्र से बेजान शरीर में
प्राण है।
संगीत है ,सपने का सच होने जैसा है।
तुम सांसो की खुशबू नहीं ,
सांसें ही हो।
तुम चेहरे की रौनक नहीं ,
चेहरा ही हो।
तुम हो तो मैं हूँ।
तुम्हारा होना ही मेरा होना है।
इस कहानी की शुरुआत हो ,
तुम्ही आदि , तुम्ही अन्त हो।  

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